
हल्द्वानी। हाईकोर्ट में पत्रकारों के सामने अपनी व्यथा बताते-बताते अंकिता के माता-पिता फूटफूटकर रोने लगे। एसआईटी की ओर से कथित दबाव डालने, वनंतरा रिजार्ट में आग लगाने, अंकिता के कमरे को बुलडोजर से ध्वस्त कर सुबूत मिटाने, वीआईपी का नाम उजागर न करने आदि जैसी घटनाओं से माता-पिता व्यथित हैं।
पीएसी वनंतरा रिजार्ट में पिकनिक मना रही है?
हाईकोर्ट में पत्रकारों से बातचीत में उनका कहना था कि वनंतरा की बिजली हत्याकांड के बाद से ही काट दी गयी थी, फिर भी रिजार्ट में एक नहीं बल्कि दो-दो बार आग लग जाती है, जबकि पीएसी वहां पर तैनात है। उनका कहना था कि पीएसी को वनंतरा रिजार्ट में क्या पिकनिक मनाने भेजा गया है। इसके अलावा उन्होंने जिलाधिकारी और एसएसपी के तबादले पर भी सवाल खड़े किये। उनका कहना था कि एसआईटी जांच से हम कतई संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना था कि इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए।
यमकेश्वर विधायक पर जमकर बरसे
हाल ही जहां आग लगाई गयी है, वहां से भी बचे-खुचे सबूत मिटा दिये गये, जबकि वहां पर भी खून के छींटे मिले थे। उनके पिता ने यमकेश्वर की विधायक रेणू बिष्ट पर खुल्लम खुल्ला आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अभियुक्तों को बचाने के लिए बुलडोजर चलवाकर सुबूतों को नष्ट किया। सरकार ने इसकी जांच की मांग की थी, मगर अब सरकार खुद इस मामले में लीपापोती करने पर तुली है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि रिजार्ट में वीआईपी का नाम उजागर न कर सरकार उसे बचाना चाह रही है। https://sarthakpahal.com/
केस वापस लेने का डाल रहे हैं दबाव
याचिकाकर्ता आशुतोष नेगी ने सरकार के फंडिंग करने के आरोपों पर कहा कि वह निजी खर्च पर मुकदमा लड़ रहे हैं। उनका कहना था कि मुझ पर अंकिता का मुकदमा वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। इतना ही नहीं पौड़ी पालिका ने मेरी आरसी तक काट दी है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह पहाड़ की बेटी की इज्जत का सवाल है, वह इसके लिए लड़ते रहेंगे। हाईकोर्ट तो क्या वह सुप्रीम कोर्ट जाने को भी तैयार हैं। वह लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस और एसआईटी इस मामले में महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रही है।