
देहरादन। ऑस्कर अवॉर्ड समारोह में जैसे ही ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ डॉक्यूमेंट्री के नाम की घोषणा हुई तो उत्तराखंड के करन थपलियाल का नाम भी दुनिया में बुलंद हो गया। पौड़ी गढ़वाल के नौगांव निवासी करन थपलियाल के कैमरे से शूट हुई इस डॉक्यूमेंट्री ने न केवल देश बल्कि उत्तराखंड का भी नाम गौरवान्वित कर दिया। करन ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया।
हाथी की देखभाल को दिखाया गया
इसकी कहानी अकेले छोड़ दिए गए हाथी और उनकी देखभाल करने वालों के बीच अटूट रिश्ते को प्रदर्शित करती है। इस डॉक्यूमेंट्री को फिल्माने में पौड़ी के करन थपलियाल ने अपने कैमरे का कमाल दिखाया है। वर्तमान में करन का परिवार दिल्ली में रहता है। उनका एक भाई भी सिनेमेट्रोग्राफर है। करन के पिता फोटोग्राफर थे। उनकी एक दुकान थी, जहां करन और उनका भाई अक्सर बैठा करता था। पिता ने उन्हें बचपन में जो कैमरा थमायाा, वो आज उन्हें दुनिया में अपनी छाप छोड़ गया।
पिछले साल आस्कर से चूक गये थे
करन की कई डॉक्यूमेंट्री इससे पहले भी काफी चर्चित रही हैं। वर्ष 2018 में नेट जियो पर उनकी एक डॉक्यूमेंट्री द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड का प्रसारण हुआ था, जो खूब चर्चाओं में रही थी। इसी प्रकार, पिछले साल उनकी सिनेमेटोग्राफी की हुई एक डॉक्यूमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ भी ऑस्कर के लिए चुनी गयी थी, लेकिन अवॉर्ड नहीं मिल पाया था।
घूमने-फिरने के शौक ने इस मुकाम तक पहुंचाया
करन ने बताया कि वैसे तो उनका परिवार दिल्ली में रहता है लेकिन उन्हें घूमने-फिरने का बहुत शौक है। उन्होंने बताया कि जब भी उन्हें अपने गांव की याद आती है तो वह बाइक उठाकर सीधे यहां पहुंच जाते हैं। उन्होंने दो साल पहले एक प्रोजेक्ट के लिए कुमाऊं में कुछ जगहों पर शूटिंग की थी। https://sarthakpahal.com/