सीएम योगी का अखिलेश को जवाब, बुलडोजर चलाने के दिल और दिमाग दोनों चाहिए
लखनऊ, 4 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार बनने पर बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरफ मोड़ने का बयान देने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि बुलडोजर चलाने के लिये ‘दिल और दिमाग’ की जरूरत होती है। यादव ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं बल्कि स्टीयरिंग होता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं।
उन्होंने कहा, ‘बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ नहीं फिट हो सकते। इसके लिये दिल और दिमाग दोनों चाहिये। बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वो ही बुलडोजर चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे।’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, ‘जहां तक दिल और दिमाग की बात है तो बुलडोजर में दिमाग नहीं होता… स्टीयरिंग होता है। बुलडोजर तो स्टीयरिंग से चलता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले (भाजपा शीर्ष नेतृत्व) कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं।’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘जिनके लिए बुलडोजर बल और नाइंसाफी का प्रतीक है, मैं उन्हीं को बुलडोजर की मुबारकबाद देना चाहता हूं।’ यादव ने मंगलवार को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सफाया होगा और राज्य में समाजवादी सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रूख गोरखपुर (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि) की तरफ होगा।
वसूली के लिए चाचा-भतीजे में लगती थी होड़
योगी ने कहा कि अब से पहले लोगों को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं मिलते थे, क्योंकि नीयत साफ नहीं थी. चाचा और भतीजे में होड़ लगती थी वसूली के लिए. कौन कितना वसूल कर ले. एरिया बंटे हुए थे. मैं देख रहा हूं कि इस समय कुछ आदमखोर भेड़िए अलग-अलग जिलों में उत्पात मचा रहे हैं. 2017 के पहले कमोबेश यही स्थिति प्रदेश की थी. यह लोग उस समय कितनी तबाही मचाए हुए थे, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है. इनके भी वसूली के एरिया बंटे हुए थे. कहीं चाचा तो कहीं भतीजे, महाभारत के सारे रिश्ते थे. महाभारत का दूसरा दृश्य यहां देखने को मिलता था. मैं तो एक ही बात आपसे कहूंगा, यह जो लोग बोलते हैं, इन्हें अवसर दिया गया था और जब उन्होंने नहीं किया तो इन पर अब विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है. यह लोग बोलते रहेंगे, क्योंकि अब इनके पास बोलने के सिवाय कुछ भी नहीं बचा है. https://sarthakpahal.com/
टीपू भी चले हैं सुल्तान बनने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता इनकी गुंडागर्दी देख चुकी है. इनकी अराजकता देख चुकी है. 2017 के पहले जो लोग लूट घसोट मचाए थे, आज जब उनके सपनों पर पानी फिर चुका है तो अब टीपू भी चले हैं सुल्तान बनने. सपना देख रहे हैं. वैसे भी इन लोगों को सपने ही दिखाई देते हैं. यह इनकी आदत रही है. जब जनता ने इन्हें अवसर दिया था, तब इन्होंने लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से कोई परहेज नहीं किया. आज यह लोग नए रंग-रूप में जनता को गुमराह करने के लिए फिर से आना चाहते हैं. बुलडोजर पर हर एक आदमी के हाथ नहीं फिट हो सकते. इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए. बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वही बुलडोजर चला सकता है. दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे.