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मंत्री प्रेमचंद के बयान से पूरे उत्तराखंड में उबाल, राज्य आंदोलनकारियों ने की इस्तीफे की मांग

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देहरादून, 22 फरवरी। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने प्रेमचंद अग्रवाल की पहाड़ विरोधी टिप्पणी के विरोध में शनिवार को शहीद स्मारक स्थल पर बैठक की। इस मौके पर उन्होंने कलेक्ट्रेेट में जुलूस निकालकर डीएम को ज्ञापन सौंपकर मंत्री के बर्खास्तगी की मांग की। वहीं हर्रावाला, नकरौंदा, मियांवाला चौक नेहरू कालोनी सहित देहरादून के कई इलाकों में मंत्री के विरोध में प्रदर्शन कर पुतले फूंके गये। वहीं टिहरी, गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, रुड़की और अन्य जगहों पर मंत्री के खिलाफ लोगों का जबर्दस्त आक्रोश देखने को मिला।

बैठक में वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी रामपाल, सलाहकार केशव उनियाल, प्रदेश प्रवक्ता एवं जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, धर्मपाल सिंह रावत, पुष्पलता सिलमाणा, सुलोचना भट्ट, राधा तिवारी, तारा पाण्डे, अरुणा थपलियाल, रामेश्वरी नेगी, लक्ष्मी बिष्ट, संगीता रावत, शकुंतला रावत, रामेश्वरी बिष्ट, रामेश्वरी कण्डवाल, बसन्ती सुन्दरियाल, रजनी कण्डवाल, प्रमिला रावत, विजय लक्ष्मी सुन्द्रियाल, रजनी पैन्युली , लोक बहादुर थापा, मनोज नौटियाल, नारायण सिंह नेगी , बीर सिंह रावत , धर्मानन्द भट्ट , सुरेश कुमार आदि रहे।

अखिल गढ़वाल सभा ने की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग
पहाड़वासियों की सबसे बड़ी और पुरानी संस्था अखिल गढ़वाल सभा ने भी मंत्री प्रेमचंद की हरकत पर गुस्सा व्यक्त किया है। बैठक में अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि विधानसभा में पूरे पहाड़ी समाज के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करना बिल्कुल गलत है। इस मौके पर कांग्रेसियों ने भी मंत्री का पुतला फूंका। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, प्रदेश महामंत्री मनीष नागपाल, दर्शन लाल, देवेंद्र सिंह, वीरेंद्र पंवार, आलोक मेहता, विकास नेगी आदि शामिल रहे।

मुझे जैसे ही कल जानकारी मिली कि सदन में इस तरह की बात हुई है। इस पर मैंने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से अपनी बात सदन में स्पष्ट करने को कहा था। इस पर उन्होंने सदन में अपनी बात को स्पष्ट किया है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

जनता ने हमें इसलिए भेजा कि पहाड़ का अपमान न हो
सदन में पहाड़ के लोगों पर जो अमर्यादित टिप्पणी की गईं, उससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। जनता ने विधायकों को इसलिए चुनकर भेजा कि सदन में पहाड़ की आवाज को उठा सके। लेकिन सदन में सरकार के मंत्री पहाड़ का अपमान कर रहे हैं। पहाड़ से मैं अकेला विधायक हूं, जिसने इसका विरोध किया।
लखपत बुटोला, विधायक बदरीनाथ

संसदीय कार्यमंत्री का विधानसभा के अंदर अहम पद है। इस पद पर संयम से रहना चाहिए। किसी भी सदस्य को अपना आपा नहीं खोना चाहिए। हम सब उत्तराखंडी है और सबका बराबर का अधिकार है।
भुवन कापड़ी, कांग्रेस विधायक

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