
देहारदून, 6 मार्च। पीएम मोदी का मुखबा दौरा उत्तराखंड को बहुत सी उम्मीदें दे गया. पीएम मोदी ने हर्षिल में जनसभा को संबोधित किया. जिसमें पीएम मोदी ने भाजपा सरकार के विजन को सबके सामने रखा. इस दौरान पीएम मोदी के उत्तराखंड को लेकर कई बड़ी बातें कही. इसमें घाम तापो उत्तराखंड, टूरिज्म, डेस्टिनेशन वेडिंग जैसी योजनाओं को लेकर उत्तराखंड से जुड़ने की अपील की. आइये आपको हर्षिल में पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें बताते हैं.
माणा एवलॉन्च पर जताया दुख
प्रधानमंत्री ने माणा में हुए हिमस्खलन में मारे गये लोगों के प्रति दुख: व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत है. प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं. मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखण्ड की सेवा का सौभाग्य मिला.
शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिग
पीएम मोदी ने उत्तराखण्ड में शीतकालीन तीर्थाटन और पयर्टन की जोरदार ब्रांडिंग की. प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखण्ड आने का निमंत्रण दिया. प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है.
ये दशक उत्तराखंड का
पीएम मोदी ने कहा कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखण्ड का होने जा रहा है. ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति बाबा केदार की थी. अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे-धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं. ये दशक अब उत्तराखण्ड का बन रहा है. उत्तराखण्ड की प्रगति के लिए, नए-नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर राज्य का जन्म हुआ था, उत्तराखण्ड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है.
उत्तराखंड के लिए जरूरी बारामासी टूरिज्म
पीएम मोदी ने कहा उत्तराखण्ड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहुआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है. उत्तराखण्ड में 356 दिन का पर्यटन जरूरी है. वो चाहते हैं कि उत्तराखण्ड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे. उन्होंने कहा अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं, ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखण्ड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं, जबकि सच्चाई यह है कि अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे. विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग और स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा.
डबल इंजन पर पीएम मोदी का जोर
पीएम मोदी ने कहा डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है. राज्य में चार धाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है. एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है. केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी. इससे बुजुर्ग, महिलाओं ओर बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी.
चार धाम यात्रा को लेकर कही बड़ी बात
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा उत्तराखण्ड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं. इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड का शीतकालीन प्रवास एक अभूतपूर्व घटना बन गया। मुखवा में मां गंगा की आराधना से लेकर हर्षिल की नैसर्गिक छटा तक, उनके प्रत्येक शब्द और कर्म में गहरी संवेदना व राष्ट्रहित की भावना परिलक्षित हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आमंत्रण पर उत्तराखंड पहुंचे प्रधानमंत्री ने इस धरोहर को न केवल श्रद्धा के भाव से निहारा, बल्कि पर्यटन और आध्यात्मिक यात्रा को नए आयाम भी दिए।
उनकी यात्रा ऐसे समय हुई जब शीतकालीन यात्रा अपने चरम पर है और चारधाम यात्रा का शुभारंभ समीप है। इस एक प्रवास से उत्तराखण्ड की धार्मिक और पर्यटन परंपरा को नवजीवन मिला है। ‘घाम तापो पर्यटन’ से लेकर योग शिविर, कॉरपोरेट सेमिनार, फिल्म शूटिंग और सोशल मीडिया प्रचार तक, प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के सौंदर्य और आध्यात्मिकता को वैश्विक पटल पर स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया।
केदारनाथ धाम की भांति, यह यात्रा भी ऐतिहासिक बन गई। मुखवा जैसे पावन स्थल पर स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने मां गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल पर पूजा-अर्चना की, जिससे समूचा क्षेत्र आह्लादित है। तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय समुदाय ने इस अवसर को गौरवशाली बताते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड की शीतकालीन यात्रा को जो प्रतिष्ठा प्रदान की है, वह अप्रतिम है। इस रजत जयंती वर्ष में उत्तराखण्ड के लिए उनका यह योगदान एक अमूल्य उपहार है, जिसने राज्य को आध्यात्मिक और पर्यटन मानचित्र पर और अधिक उज्ज्वल कर दिया है।