12 दिन के बच्चे को एम्स ऋषिकेश में बेड न मिलने से मौत, मांगा इंसाफ, देखें वीडियो

ऋषिकेश। 12 दिन के बच्चे को एम्स ऋषिकेश में इलाज के लिए बेड न मिलने के कारण हिलालयन हास्पिटल जौलीग्रांट ले जाते समय रास्ते में मौत हो गयी। बच्चे के बाप ने वीडियो जारी कर एम्स प्रशासन को दोषी ठहराया है और इंसाफ की मांग की है।
गंभीर हालत में एम्स ऋषिकेश भर्ती के लिए लाए गये 12 दिन के बच्चे बेड न मिलने के कारण हिलालयन हास्पिटल जौलीग्रांट के रेफर किया गया था। लेकिन जौलीग्रांट पहुंचने से पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि बच्चे को आक्सीजन और प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी थीं, लेकिन बेड उपलब्ध न होने के कारण कहीं और जाने को कहा गया था।
बच्चे ने रास्ते में दम तोड़ दिया
रुड़की निवासी भूपेंद्र सिंह गुसाईं मूल रूप से श्रीनगर गढ़वाल के रहने वाले हैं। वह अपने 12 दिन के बच्चे को ऋम्स ऋषिकेश के बाल रोग विभाग की इमरजेंसी में लेकर आए थे। उनका कहना है कि उन्हें यहां पर काफी देर तक इंतजार करवाया गया। बच्चे को आईसीयू बेड की आवश्यकता थी, आखिर में कह दिया गया कि हमारे यहां बेड खाली नहीं है।
भूपेंद्र सिंह ने अपनी व्यथा वीडियो के जरिये इंटरनेट मीडिया पर जारी की है। उनका कहना है कि एम्स ऋषिकेश बड़ा संस्थान है, इसलिए बच्चे को यहां लाए थे। बच्चे के पेट में इंफेक्शन था। उसे इलाज की सख्त जरूरत थी। उन्होंने इस स्थिति के लिए एम्स ऋषिकेश को दोषी ठहराया है और न्याय मांगा है।
चिकित्सा अधीक्षक ने एम्स अस्पताल के न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (निक्कू) में आईसीयू बेड की स्थति के बारे में बताया कि पीडियाट्रिक वार्ड में बेड बहुत सीमित हैं। बेड खाली न होने के कारण बच्चे का तुरंत इलाज करना मुश्किल हो जाता है। यहां पहले से ही बच्चे गंभीर स्थिति में एडमिट थे और कोई भी बेड खाली न होने के कारण परिजनों को इलाज के बच्चे को अन्यत्र ले जाना पड़ा।