
देहरादून, 1 फरवरी। लंबे समय के इंतजार के बाद बुधवार को उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में बर्फबारी हुई। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत हर्षिल, चकराता और टिहरी के सुरकंडा क्षेत्र और मसूरी के आसपास धनौल्टी में जमकर बर्फबारी हुई। चकराता और सुरकंडा में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। चकराता में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। सुबह सात बजे चकराता के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीजन की पहली बर्फबारी शुरू हो गई जो दोपहर बाद तक रुक रुककर जारी रही।
आज भी भारी बर्फबारी की संभावना
वहीं, अब एक फरवरी को भी बारिश-बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अगले दिन यानी दो फरवरी को मौसम साफ रहेगा। इसके बाद तीन फरवरी की रात मौसम एक बार फिर करवट लेगा और चार-पांच फरवरी को बारिश-बर्फबारी की संभावना है। बुधवार को मौसम ने करवट बदली और बदरीनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। हालांकि अभी निचले इलाकों में बादल छाए हैं और लोगों को बारिश का इंतजार है। चकराता के लोखंडी, लौहारी, बुधेर, देवबन, मुंडाली, खड़बा, कनासर में बर्फबारी शुरू हो गई। करीब 20 मिनट तक बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा।
केदारनाथ में एक फिट बर्फबारी
केदारनाथ में दिनभर बर्फबारी होती रही, जिससे लगभग एक फीट बर्फ जम गई है। बीते चार माह में केदारनाथ में एक दिन में यह सबसे अधिक बर्फबारी है। वहीं, निचले इलाकों में देर शाम हल्की बारिश हुई। केदारना्र में दिनभर पारा माइनस में रहा, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। निचले इलाकों में रुक-रुककर बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है। जिसके चलते कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है।
उत्तरकाशी में कई जगह हुई बर्फबारी
हर्षिल घाटी में दोपहर एक बजे से बर्फबारी शुरू हो गयी थी। जिससे घाटी में सुक्की, झाला, जसपुर, पुराली, मुखबा, हर्षिल, बगोरी व धराली गांव बर्फ की सफेद चादर से ढक गये हैं। यमुनाघाटी के खरशाली, जानकीचट्टी, फूलचट्टी, नारायणपुरी सहित कई गांवों में बर्फबारी हो रही है। हर्षिल घाटी में सीजन की तीसरी बर्फबारी से सेब बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं। यहां बर्फबारी नहीं होने से सेब के पेड़ों को पर्याप्त शीतमान यानी ठंडा वातावरण नहीं मिल पा रहा था। जिससे सेब उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि अब बर्फबारी के बाद यहां पर्यटकों की आमद भी बढ़ सकती है। https://sarthakpahal.com/