
देहरादून, 5 जुलाई। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने वाले सभी प्रत्याशियों (निर्विरोध निर्वाचित सहित) को परिणाम घोषित होने के महीने भर के भीतर अनिवार्य रूप से चुनाव खर्च का ब्योरा जिला निर्वाचन अधिकारी को देना है। तय समयावधि में यह हिसाब न देने अथवा अपूर्ण या त्रुटिपूर्ण लेखा दाखिल करने वालों को तीन वर्ष के लिए चुनाव लड़ने को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्याशियों के खर्च की सीमा और इसका लेखा जमा कराने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक प्रत्याशियों को नामांकन से लेकर चुनाव परिणाम घोषित होने तक की तिथि तक के चुनावी खर्च का ब्योरा महीने भर के अंदर अपने निर्वाचन अभिकर्ता के माध्यम से तैयार करना है। खर्च की पुष्टि के लिए बिल या वाउचर लगाना भी अनिवार्य है।
आपदा प्रबंधन योजना पर नौ को लगेगी मुहर
पंचायत चुनाव के दौरान आपदा बाधक न बने, इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सभी संबंधित जिलों के डीएम आपदा प्रबंधन योजना तैयार कर रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार के अनुसार चुनाव के दौरान सड़कों को खुला रखने, चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की तैनाती करने जैसे बिंदुओं को योजना का हिस्सा बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कुछ जिलों से आपदा प्रबंधन योजना प्राप्त हो गई है, जबकि शेष से एक-दो दिन में मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि नौ जुलाई को जिलों की आपदा प्रबंधन योजना के संबंध में जिलाधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंथन किया जाएगा। फिर इस सिलसिले में शासन से वार्ता की जाएगी।