सेहरा सजाने की तैयारी चल रही थी घर पर और बार्डर पर शहीद हो गये कैप्टन शुभम

आगरा। आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। इस बात की सूचना जैसे ही शुभम के घर पर पहुंची तो कोहराम मच गया। परिवार के सदस्य अपने बेटे शुभम गुप्ता के पार्थिव शरीर के घर आने का इंतजार कर रहे हैं। कैप्टन शुभम गुप्ता के पिता बसंत गुप्ता आगरा में डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसलर जिला अदालत में कार्यरत हैं।
आगरा के लाल शुभम गुप्ता राजौरी के बाजीमाल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में शहीद हो गए। फौजी की वर्दी में बेटे को देखकर पिता बसंत गुप्ता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। शुभम के परिजन इस वर्ष शुभम की शादी की तैयारियों में थे, इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई। आगरा से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल और राजकुमार चहार ने शहीद शुभम गुप्ता के परिवार के लोगों से मिलने पहुंचे और मुलाकात की।
देश और सेना को लेकर था जुनून
शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के भाई ऋषभ का कहना है कि भाई को सिग्नल कोर में कमीशन मिला था। फिर भी उन्होंने सिग्नल कोर छोड़कर पैरा ज्वाइन की थी। जब भी वे किसी सीक्रेट मिशन पर जाते थे तो उनका फोन बंद रहता था। देश के प्रति उनका जज्बा अदभुत था। शहीद कैप्टन शुभम को शुरू से ही देश और सेना को लेकर एक अलग ही जुनून था। शुभम को बचपन से वर्दी बहुत पसंद थी।
सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने कर दी थी गोलीबारी
बता दें कि राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद जवानों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल हैं। राजौरी में सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। वहां 2 आतंकवादी थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान धर्मसाल के बाजीमल इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। गोलीबारी में दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सर्च ऑपरेशन में सेना के राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों के साथ पैराट्रूपर्स भी शामिल थे, लेकिन आतंकी घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही सेना नजदीक पहुंची, तो आतंकी ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। https://sarthakpahal.com/