
यमकेश्वर। चिकित्सा के अभाव में पहाड़ों की गर्भवती महिलाएं दम तोड़ रही हैं। उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवा लाइलाज हो चली है। सरकार भी हालात सुधारने की ओर कतई गंभीर नहीं दिखती। सच्चाई तो यह है कि स्थिति दिनोंदिन और बिगड़ती ही जा रही है। आम आदमी को तो सस्ता इलाज मिलना दूभर हो चला है। अस्पतालों का हाल ही बुरा है। राज्य बनने के इतने सालों बाद भी पहाड़ों पर चिकित्सा व्यवस्था साल दर साल दम तोड़ती जा रही है।
पौड़ी गढ़वाल के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में समय पर चिकित्सा के अभाव में मिलने के कारण गर्भवती महिलाएं समय से पहले ही दम तोड़ रही हैं, जो जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को बयां कर रही है। जनपद पौड़ी में विगत 10 माह (अप्रैल 2021 से जनवरी 2022) में 12 गर्भवती महिलाएं उपचार के अभाव में दम तोड़ चुकी हैं।
डीएम डा. विजय कुमार जोगदंडे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। डीएम ने अप्रैल 2021 में एकेश्वर ब्लाक के नौगांवखाल में गर्भवती महिला को समय पर 108 सेवा उपलब्ध नहीं होने से मौत होने पर जिला समन्वयक पर जुर्माना लगाए जाने के साथ ही स्पष्टीकरण भी तलब किया है।